IAS अफसरों में झगड़ा, सामान्य प्रशासन एवं जेल विभाग मंत्रालय में फाइलें निपटाने को लेकर प्रमुख सचिव और सचिव में जमकर हुआ विवाद, CS-CM को शिकायत - khabarupdateindia

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IAS अफसरों में झगड़ा, सामान्य प्रशासन एवं जेल विभाग मंत्रालय में फाइलें निपटाने को लेकर प्रमुख सचिव और सचिव में जमकर हुआ विवाद, CS-CM को शिकायत


रफीक खान

मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन एवं जेल विभाग मंत्रालय में प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और सचिव ललित दाहिमा के बीच जमकर झगड़ा हुआ। फाइल निपटने और उसे पर लिखी जाने वाली टीप को लेकर दोनों में काफी देर तक विवाद होता रहा। मौके पर मौजूद उप सचिव कमल नागर ने बीच बचाव किया। इस मामले में आईएएस अधिकारी दाहिमा ने प्रदेश सरकार की मुख्य सचिव वीरा राना से मुलाकात कर उन्हें पूरा घटनाक्रम सुनाया तथा लिखित में शिकायत भी की है। बाद में दहीमा ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अपनी शिकायत प्रेषित कर दी है तथा अपना तबादला किसी अन्यत्र विभाग में करने की मांग की है।

मामला जेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और सचिव ललित दाहिमा से जुड़ा है। एक बैठक के दौरान रस्तोगी ने अपने अधिनस्थ सचिव ललित दाहिमा को कक्ष से बाहर जाने के लिए कह दिया। जब वे नहीं गए तो स्वयं उठकर चले गए। दोनों के बीच विभागीय फाइल पर टीप लिखने को लेकर बहस शुरू हुई थी। प्रमुख सचिव ने कहा कि आप फाइल पर कमेंट क्यों लिखते हो। जब दाहिमा ने कहा कि यह तो मेरा काम है, इस बात पर रस्तोगी नाराज हो गए। बाद में दाहिमा ने मुख्य सचिव और मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक को लिखित में सूचना भी दे दी। रस्तोगी जेल के साथ-साथ सामान्य प्रशासन विभाग के भी प्रमुख सचिव हैं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने बुधवार को जेल विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें सचिव ललित दाहिमा और उप सचिव कमल नागर पहुंचे। रस्तोगी ने विभागीय फाइल पर टीप लिखने पर आपत्ति जताई तो दाहिमा ने कहा कि मैं विभाग का सचिव हूं और मैंने अपना पक्ष नियमानुसार रखा है। इसको लेकर दोनों के बीच बहस होने लगी तो रस्तोगी ने दाहिमा को कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा दिया, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि आपने बैठक बुलाई है और जो निर्देश हैं वो दीजिए पर इस तरह का अमर्यादित व्यवहार नहीं होना चाहिए। जब दाहिमा कक्ष से बाहर नहीं गए तो रस्तोगी स्वयं उठे और बाहर चले गए, जिस पर दोनों अधिकारियों ने कहा कि आपका कक्ष है बाहर मत जाइए, हम ही चले जाते हैं।

यह है दोनों के बीच विवाद की जड़

बताया जाता है कि सेंट्रल जेल से बंदी भागने के मामले में तत्कालीन जेल अधीक्षक गोपाल प्रसाद ताम्रकार और सहायक जेल अधीक्षक मनोज तिवारी पर एफआईआर न करने के मामले में विभागीय जांच की फाइल मंत्रालय पहुंची थी। जिस पर जेल सचिव ललित दाहिमा ने टीप लिखी कि एक ही केस में दो अधिकारी आरोपी है। ऐसे में जेल अधीक्षक को दोष मुक्त करना और सहायक जेल अधीक्षक पर विभागीय एक्शन लेकर जांच करना उचित नहीं है। दोनों ही अधिकारियों का समान अपराध है तो दोनों पर ही कार्रवाई सुनिश्चित होना चाहिए थी। इसी तरह जेल के फार्मासिस्ट को स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट के समान पे स्केल दिए जाने संबंधी हाई कोर्ट के कंटेंप्ट मामले में भी दहीमां द्वारा टीप लिखी गई थी। इन दोनों ही फाइलों पर दायमा की टीप मनीष रस्तोगी के अनुकूल न होने से विवाद उत्पन्न हो गया था।