"मंत्री विजय शाह": FIR पर HC का एतराज और फटकार, महत्वपूर्ण कंटेंट शामिल करो, मॉनिटरिंग के साथ कल होगी सुनवाई - khabarupdateindia

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"मंत्री विजय शाह": FIR पर HC का एतराज और फटकार, महत्वपूर्ण कंटेंट शामिल करो, मॉनिटरिंग के साथ कल होगी सुनवाई


रफीक खान
मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह पर मानपुर थाने में दर्ज की गई FIR को लेकर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि भोपाल से पूरी FIR इस तरह से मैनेज की गई ताकि इसका पूरा लाभ अपराधी को मिल सके। FIR में घटना के महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया गया, सिर्फ हाई कोर्ट के आदेश का हिस्सा चस्पा कर औपचारिकता की गई है। पुलिस महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल करते हुए दोबारा FIR करें। बेहद नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अब इसकी पूरी मॉनिटरिंग न्यायालय खुद करेगा और 16 मई को पुन: सुनवाई होगी। उधर मंत्री विजय शाह संगठन और सरकार की शह पर खुद को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। यहां भी सरकार और मंत्री को जमकर फटकार लगाई गई। SC में भी 16 मई को मामले की सुनवाई संभावित है। "Minister Vijay Shah": HC objects and reprimands on FIR, hearing will be held again tomorrow with MONITRING

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि गुरुवार को फिर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि मंत्री विजय शाह पर दर्ज एफआईआर में अपराध का जिक्र नहीं है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया। साथ ही कहा कि एफआईआर ऐसे कंटेंट के साथ लिखी गयी है, जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाए। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अपराध के कंटेंट का उल्लेख करते हुए दोबारा एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर में पुलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि एमपी सरकार के मंत्री विजय शाह ने पब्लिक मीटिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तत्काल एफआईआर के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने सोमवार को महू के अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में एक सार्वजनिक समारोह में ने भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। भारतीय जनता पार्टी और मध्य प्रदेश सरकार ने विजय शाह के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और इस बीच मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर अपने बचाव की कोशिश है शुरू कर दी है।