"लापता केंद्रीय मंत्री": उतर गए, गिर गए, चढ़ गए, ट्रेन बदल गई, 165 किलोमीटर की यात्रा हो गई और सुरक्षा धरी की धरी रह गई - khabarupdateindia

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"लापता केंद्रीय मंत्री": उतर गए, गिर गए, चढ़ गए, ट्रेन बदल गई, 165 किलोमीटर की यात्रा हो गई और सुरक्षा धरी की धरी रह गई


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर रेल मंडल अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सिस्टम को बेनकाब करते हुए अनगिनत सवाल खड़े कर रहा है। भारत जैसे विशाल राष्ट्र के केंद्रीय मंत्री एक ट्रेन में सवार होते हैं, वह किसी स्टेशन पर उतरते हैं, वहां गिर पड़ते हैं, खड़े होने के बाद वह दूसरी ट्रेन पर चढ़ जाते हैं, 165 किलोमीटर के लगभग की यात्रा कर लेते हैं लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चलता है। खबर सुर्खियों में आने की बावजूद इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिरकार मंत्री जी किन परिस्थितियों का शिकार हुए? किस तरह जख़्मी हुए? और सबसे बड़ी बात यह है कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सुरक्षाकर्मी कहां चले गए थे? मंत्री जी लापता हो गए और उन्हें जरा सा एहसास भी नहीं हो पाया? अब मामला तुल पकड़ चुका है और जिम्मेदार इस पूरे घटनाक्रम के गंभीर सवालों पर लीपापोती में जुटे हुए हैं। "Missing Union Minister": He got down, fell, got on, changed trains, travelled 165 kilometres and security was left in the lurch

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि दिल्ली से जबलपुर आ रहे केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए। वे गोंडवाना एक्सप्रेस में सवार थे। बता दें कि शनिवार रात को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन से रवाना हुई ट्रेन में उन्हें आखिरी बार देखा गया था। अगले दिन सुबह दमोह में उनकी बर्थ खाली मिली। मामले की खबर लगते ही हड़कंप मच गया। खबरों में ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर दमोह स्टेशन पर उतरे थे। इस दौरान उनका शुगर लेवल लो हो गया और ट्रेन चलने लगी। ट्रेन में चढ़ते समय मंत्री का पैर फिसल गया और वे गिरे और उन्हें चोट लग गई। इस दौरान दूसरे प्लेटफॉर्म पर संपर्क क्रांति आई तो वे उसमें बैठ गए। ऐसे में उनका स्टाफ उन्हें ढूंढ़ता रहा, लेकिन वो नहीं मिल रहे थे। इसी तरह मंत्री जी के पीए ने पहले कहा था कि मंत्री हरदुआ से लापता हुए थे लेकिन बाद में पता चला कि यहां तो ट्रेन रुकी ही नहीं। बाद में मंत्री सिहोरा स्टेशन पर मिले। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जबलपुर लाया गया। 3 घंटे तक ट्रेन ट्रैक पर उनकी सर्चिंग की गई। इस दौरान मंत्री जी को 165 किलोमीचर दूर, सिहोरा स्टेशन, जबलपुर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में मिले। वे बी-3 कोच की 57वीं बर्थ पर मिले। इतने बड़े गणराज्य के केंद्रीय मंत्री, जो कि खासमखास लोगों में गिने जाते हैं, उनकी सुरक्षा का यह हाल है तो फिर आम लोगों की सुरक्षा के बारे में क्या कहा जाए?