अंदर BJP का कार्यक्रम, बाहर पुलिस अफसरों के बीच झगड़ा, दोनों नर्मदापुरम के IG ऑफिस में हुए अटैच - khabarupdateindia

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अंदर BJP का कार्यक्रम, बाहर पुलिस अफसरों के बीच झगड़ा, दोनों नर्मदापुरम के IG ऑफिस में हुए अटैच


रफीक खान
मध्य प्रदेश में उस समय बड़ी ही अप्रिय स्थिति बन गई, जब नर्मदा पुरम संभाग के पचमढ़ी में भारतीय जनता पार्टी का एक कार्यक्रम चल रहा था और बाहर एडिशनल एसपी तथा एक थानेदार के बीच झगड़ा हो गया। दोनों को मौजूद पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों ने दूर कराया। विवाद के पीछे कारण यह था कि सब इंस्पेक्टर बिना टोपी लगाए अमर्यादित तथा अनुशासनहीन प्रदर्शन कर रहा था। एडिशनल एसपी को यह बड़ा ही नागवार गुजरा और उन्होंने उसे जमकर फटकार लगा डाली। सब इंस्पेक्टर मर्यादा को लांघते हुए एडिशनल एसपी से भिड़ गया। बाद में पुलिस मुख्यालय द्वारा दोनों ही पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके पदस्थापना स्थल से हटाकर नर्मदा पुरम जोन के आईजी ऑफिस में अटैच कर दिया। BJP program inside, fight between police officers outside, both attached to IG office of Narmadapuram

मध्यप्रदेश में सतपुड़ा की रानी कहे जाने वाले हिल स्टेशन पचमढ़ी के एक होटल में तीन दिवसीय भाजपा विधायकों और सांसदों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। शिविर के दूसरे दिन सुबह होटल के बाहर ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस अधिकारियों के बीच जमकर बहस हो गई। दरअसल, प्रशिक्षण शिविर के मुख्य गेट पर तैनात एक सब-इंस्पेक्टर के बिना कैप नजर आने पर एडिशनल एसपी नर्मदापुरम आशुतोष मिश्रा भड़क उठे। सागर से आए सब-इंस्पेक्टर कमल किशोर मौर्य होटल के गेट पर ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान एडिशनल एसपी मिश्रा वहां पहुंचे। उन्होंने सब-इंस्पेक्टर मौर्य को पुलिस कैप न पहनने पर नाराजगी जाहिर की, जिससे दोनों अधिकारियों के बीच तीखी बहस हो गई। कहां जाता है कि सब-इंस्पेक्टर कमल किशोर मौर्य पर नाराज हो रहे हैं और जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं। बहस के दौरान सब-इंस्पेक्टर मौर्य भी उत्तेजित होकर कह रहे हैं- 'मुझे एडिशनल एसपी 'साला' बोल रहे हैं, मैं इनका साला हूं क्या'? मौके पर मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को भांपते हुए सब-इंस्पेक्टर मौर्य को समझाकर गेट से बाहर ले गए। पथरौटा थाना प्रभारी विपिन पाल ने भी हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराने का प्रयास किया। यह पूरा विवाद लगभग आधे घंटे तक गेट पर चलता रहा। कुछ ही देर बाद यह विवाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बहुत सारे प्लेटफार्म पर वीडियो अपलोड किया गया। जिससे मध्य प्रदेश पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई। वह भी ऐसे समय जब सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी का एक महत्वपूर्ण तथा गरिमामय कार्यक्रम चल रहा था।