रफीक खान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में जिस तरह बीच में आए, उससे आगे बढ़कर इज़राइल और ईरान के युद्ध में भी कूदे। पहले वह इज़राइल की तरफ से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमलावर रहे और उसके बाद सीज़फायर का पैगाम लेकर आ गए। पहले इसराइल ने युद्ध विराम की घोषणा की। उसके बाद ईरान ने भी घोषणा कर दी और फिर दोनों ही तरफ से मिसाइल और बमबारी के आरोप भी लगाए गए। हालांकि ट्रंप ने एक पोस्ट कर स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हो चुका है। कृपया दोनों ही देश इसका उल्लंघन न करें। दोनों देशों के बीच पिछले 12 दिनों से जंग चली आ रही थी और व्यापक पैमाने पर तथा माल का नुकसान हुआ। Trump declares ceasefire in Israel-Iran war, claims of missile and bombing even after declaration, war was going on for 12 days
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि ईरान ने कथित तौर पर अमेरिकी एयर बेस को निशाना बनाकर छह मिसाइलें दागीं। इसके बाद कतर के दोहा में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सबसे बड़े अल उदीद एयर बेस पर ईरान के हमले का खतरा दोपहर से ही बना हुआ था। कतर ने सिक्योरिटी के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। दोनों ही देश से हमले के आरोप के बाद ट्रंप ने कहा कि ईरान और इजरायल दोनों ने संघर्षविराम (सीजफायर) का उल्लंघन किया है। उन्होंने खासतौर पर इजरायल की आलोचना की, यह कहते हुए कि उसे संघर्षविराम के तुरंत बाद इतना बड़ा हमला नहीं करना चाहिए था। ट्रंप ने कहा कि मुझे यह पसंद नहीं आया कि इजरायल ने संघर्षविराम पर सहमति जताने के बाद तुरंत हमला कर दिया। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब इससे पहले इजरायल ने आरोप लगाया था कि ईरान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया, लेकिन ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईरान कभी भी अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वह ईरान से खुश नहीं हैं, और ये कि लेकिन इजरायल से बहुत नाखुश हैं। युद्ध और तबाही के बीच अमेरिका की चौधराहट वह भी हाल ही में दूसरी बार देखकर दुनिया हैरान है।