रफीक खान
मध्य प्रदेश के कटनी जिले में पुलिस अधीक्षक रहे अभिजीत रंजन तथा नगर पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ रही ख्याति मिश्रा को लेकर तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों और की गई ढेरों शिकायतों से लेकर सीएसपी बंगला व महिला थाने में की गई मायके और ससुराल पक्ष के लोगों के साथ कथित मारपीट, अभद्रता, गाली गलौज, पत्रकारों के साथ भी अभद्रता की अनगिनत शिकायतों के बावजूद अब तक सिर्फ जिम्मेदारों को ट्रांसफर कर सेट किया जा रहा है। कटनी के जिस मामले को मुख्यमंत्री ने खुद शर्मनाक और लोक सेवकों के आचरण के खिलाफ बताया था, किसी के भी खिलाफ ना तो FIR की गई है और ना ही निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक करवाई हुई है। क्या वास्तव में ट्रांसफर की कार्रवाई एक्शन के रूप में गिनी जा सकती है? मुख्यमंत्री ने इस मामले को पहले ही काफी गंभीर बताया था लेकिन एक्शन के नाम पर सिर्फ नौटंकी ही सामने आई है। Why "whitewash" in the shameful case of Katni SP and CSP-Tehsildar? Transfer means drama of action
कहा जाता है कि सोमवार, 9 जून को कटनी डीएसपी प्रभात कुमार शुक्ला और महिला थाना प्रभारी कटनी मंजू शर्मा पर कार्रवाई करते हुए डीजीपी कार्यालय जबलपुर लाइन अटैच करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कार्रवाई की जानकारी दी। लिखा- कुछ दिन पहले जिला कटनी में हुए घटनाक्रम के फलस्वरूप मैंने दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। DGP ने जांच के बाद कटनी AJK DSP प्रभात कुमार शुक्ला और कटनी महिला थाना प्रभारी मंजू शर्मा को उप पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर में संबद्ध किया है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रचलन में है। कटनी में सीएसपी रहीं ख्याति मिश्रा के पति डॉ. शैलेंद्र बिहारी शर्मा (तहसीलदार) ने एसपी अभिजीत रंजन पर उनकी पत्नी को ब्लैकमेल करने और परिवार तोड़ने की साजिश का गंभीर आरोप लगाया था। इतना नहीं उन्होंने परिवार के कुछ सदस्यों से मारपीट किए जाने के आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किए थे।