रफीक खान
बिहार के पूर्णिया जिले में सोमवार को नरसंहार का मामला सामने आया। यहां पंचायत के तालिबानी फैसले के बाद 50 से ज्यादा लोग एक परिवार में डायन कहते हुए पहुंचे और 16 साल के किशोर को छोड़ बाकी सब को बुरी तरह मारपीट कर जिंदा जला दिया। किसी तरह छुप कर जान बचाने वाले 16 साल के किशोर ने यह जानकारी पुलिस तक पहुंचाई और अब पुलिस आरोपी हमलावरों को तलाशने और चिन्हित करने में जुटी हुई है। The attackers arrived calling her a witch, beat her for hours and then burnt her alive by pouring petrol on her, 5 members of the same family burnt to ashes
जानकारी का मतलब कहा जाता है कि गांव के कुछ लोगों को सीता देवी (48 वर्ष) पर डायन होने का शक था। रविवार रात गांव के मुखिया (मर्रर) नकुल उरांव की अगुवाई में करीब 200 ग्रामीणों की एक पंचायत बुलाई गई, जिसमें डायन बताकर सीता देवी, उनके पति बाबूलाल उरांव (50), सास कातो देवी (65), बेटे मंजीत उरांव (25) और बहू रानी देवी (23) को बुलाकर तालिबानी फरमान सुना दिया गया। इसके बाद सभी को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया, फिर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया। घटना को अंजाम मृतक के पुत्र सोनू कुमार के सामने ही दिया गया। किसी तरह जान बचाकर सोनू वहां से भाग निकला और पुलिस को सूचना दी। ऐसा कहा जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के बाद जल चुके शवों को छुपाने की भी कोशिश की गई। पुलिस को अब तक 2 शव बरामद हुए हैं जबकि पांच लोगों को जिंदा जलाया गया है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर सघन पूछताछ की जा रही है।