दिवाली में कई लोगों ने गंवा दी अपनी आंखें, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पवन स्थापक की पोस्ट से जिम्मेदारों के होश उड़े - khabarupdateindia

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दिवाली में कई लोगों ने गंवा दी अपनी आंखें, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पवन स्थापक की पोस्ट से जिम्मेदारों के होश उड़े


रफीक खान
दीपों के उत्सव में इस बार कई लोग अपनी आंखें गवा बैठे हैं। पिछले सालों की तुलना में यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा बताया जा रहा है। पटाखे की घटिया क्वालिटी और मुनाफाखोरी के चक्कर में इस तरह के हादसे हुए। नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पवन स्थापक ने खुद अपनी फेसबुक आईडी में इसका खुलासा किया है। इसके अलावा विदिशा में तो आंख जाने पर पटाखा व्यापारी के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है। डॉ. स्थापक की फेसबुक पोस्ट में जिम्मेदारों के होश उड़ा दिए हैं। कफ सिरप की तरह इस मामले में भी अगर सरकार ने गंभीरता दिखाई तो कई जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर हो जाएगी। Many people lost their eyesight during Diwali; eye specialist Dr. Pawan Sthapak's post left those responsible shocked.

प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पवन स्थापक की पोस्ट पढ़िए-

"दीपावली में आँख और हाँथ में फूटे बम…

पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष पटाखों के वजह से ज़्यादा आँखें ख़राब हुई हैं पूरी दीपावली आँख में चोट खाये मरीजों को देखने में निकल गई, पर इतने लोगों को पटाखों से चोट क्यों आई यह शोध का विषय है -

1. इस बार जो पटाखे बिक रहे हैं वो आग लगाते ही फट जाते हैं ज्यादातर लोगों को दूर भागने का मौक़ा ही नहीं मिला ..कई पटाखे लोगों के हाँथ में फटे और कई आँख में…तो ऐसे पटाखे कौन बना रहा है कौन बनवा रहा है गुणवत्ता मापदंड विषय पर ध्यान देने की जरूरत है।

2. कैल्शियम कार्बाइड गन बनाकर चलाने से और ना चलने पर गन के अंदर झाकने से और फिर अचानक चल जाने से कई लोगों की आंख चली गई .. तो यह केमिकल आसानी से लोगों को क्यों उपलब्ध हो रहा है। सस्ते पटाखे बनाने और चलाने की यह विधि सोशल मीडिया पर किसने पॉपुलर की सबसे पहले कौन? यह भी जाँच का विषय है।

3. आगे आने वाले दिनों में पटाखा दूर से चलायें,आँखों को बचाएँ यही प्रार्थना है।

इसी तरह मध्य प्रदेश के विदिशा में कार्बाइड गन के प्रयोग से 25 लोग घायल हो गए, जिनमें से 5 के आंखों की रोशनी चले जाने का खतरा है। पुलिस ने विक्रेता विनोद मोहरे को गिरफ्तार कर लिया है। कार्बाइड गन पटाखों की दुकानों पर 100-250 रुपये में बेची गई थी। इन गनों को पीवीसी पाइप से बनाया जाता है और उसमें कैल्शियम कार्बाइड डालकर पानी मिलाने पर गैस बनती है। यह गैस जलने पर धमाके के साथ निकलती है। दीपावली की शाम, जब यह गन नहीं चली तो कई बच्चों ने उसे हिलाकर देखा, और तभी मुंह की ओर विस्फोट हो गया, जिससे कार्बाइड के कण आंखों में चले गए।