सिंगरौली कलेक्टर ने पहले ही प्रयास में पहचान लिया था, SP से बात कर तीनों आरोपियों को कराया राउंडअप - khabarupdateindia

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सिंगरौली कलेक्टर ने पहले ही प्रयास में पहचान लिया था, SP से बात कर तीनों आरोपियों को कराया राउंडअप


रफीक खान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट एक युवक ने खुद को मध्य प्रदेश शासन का मुख्य सचिव बताया और सिंगरौली कलेक्टर को आदेशित किया कि वह मिश्रा जी का डीएमएफ फंड का 4 करोड रुपए वाला काम अतिशीघ्र निपटा दे। पहले ही प्रयास में सिंगरौली कलेक्टर युवक को बातचीत के दौरान भाँप गए। उन्होंने इस मामले की ट्रायल को जिंदा रखा और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर दिया। जिसमें सेंट्रल गवर्नमेंट के इंटेलिजेंस ब्यूरो का एक सब इंस्पेक्टर भी शामिल पाया गया। उसका ही बेटा नकली मुख्य सचिव बनाकर बात कर रहा था। आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है। The Singrauli collector had identified them on the first attempt and after talking to the SP, got the three accused rounded up.

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कलेक्टर के शासकीय मोबाइल पर व्हाट्सऐप कॉल से संदेश आया। संदेश देने वाले ने खुद को 'मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन' बताया और डीएमएफ फंड से जुड़ा काम तुरंत निपटाने के निर्देश दिए। इस तरह संदेश मिलने पर कलेक्टर को शंका हुई, जिसका पर्दाफाश करने के लिए आईएएस गौरव बैनल ने एक तरफ तो आरोपी से संपर्क बनाए रखा और उसके दिए निर्देश को जल्दी निपटाने का आश्वासन दिया, ताकि उन्हें किसी तरह का संदेह न हो। दूसरी तरफ संबंधित संदेश की जांच शुरू कराई और योजनाबद्ध तरीके से आरोपी को पकड़ने की रणनीति बनाई। सोमवार को आरोपी सचिन्द्र तिवारी और आईबी के सब इंस्पेक्टर वाल्मीकि प्रसाद मिश्रा कलेक्ट्रोरेट पहुंचे। जैसे ही दोनों कलेक्टर के कक्ष में पहुंचे, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि, इस तरह के निर्देश देकर कलेक्टर से फर्जीवाड़ा कराने की पूरी साजिश सचिन कुमार मिश्रा ने रची थी। इस पर पुलिस ने अगले दिन मुख्य आरोपी सचिन कुमार मिश्रा को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस तीनों से यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने अब तक कितने जगह इस तरह का फर्जीबाड़ा किया है।