रफीक खान
वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के तोष खाने से लगभग 1000 करोड रुपए से ज्यादा का कीमती सामान गायब हो गया है। संत समाज द्वारा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि व्यवस्थापकों द्वारा दान किए गए करोड़ों रुपए के खजाने में हेर फेर की है। 54 साल से बंद तोष खाना 18 अक्टूबर 2025 को खोला गया और जब गिनती और लिस्टिंग हुई तो घोटाले का विवाद गहरा गया। A large quantity of valuables has gone missing from the Tosh Khana, which was reopened after 54 years. Saints have leveled serious allegations against the management.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि तोषखाने में सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात से जड़े आभूषण और दान की गई संपत्ति के कागजात हैं, लेकिन अंदर केवल कुछ बर्तन, सोने की एक छड़, चांदी की तीन छड़ें, कुछ मोती और दो तांबे के सिक्के ही मिले। करोड़ों रुपए के कथित खजाने का कोई सबूत नहीं मिला। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी महाराज ने इस मामले को साजिश करार देते हुए PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि खजाने के तालों पर सरकारी सील ना होने का फायदा उठाकर कुछ मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की दान की गई संपत्ति को चुरा लिया। महाराज ने मांग की है कि पूरे मामले की CBI से निष्पक्ष जांच हो। साथ ही, दोषी अधिकारियों की व्यक्तिगत संपत्ति की भी तुरंत जांच हो। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों भक्तों की आस्था का सवाल है, इसलिए मामले में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इतिहासकारों की माने तो 1971 में आखिरी बार खजाने को खोला गया था, तब कुछ सामान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मथुरा में जमा किया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को भी पत्र लिखा गया है। उनसे भी सीबीआई जांच की मांग की गई है।
