EOW पुलिस के हाथों पकड़े गए तहसीलदार ने पुलिस को दी शिकायत, कॉल रिकॉर्डिंग में ₹50 हजार की हो रही मांग - khabarupdateindia

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EOW पुलिस के हाथों पकड़े गए तहसीलदार ने पुलिस को दी शिकायत, कॉल रिकॉर्डिंग में ₹50 हजार की हो रही मांग


रफीक खान
कुछ दिन पहले EOW पुलिस के हाथों 15000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए मध्य प्रदेश के देवास जिले में पदस्थ नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी ने पुलिस को एक शिकायत देकर कहा है कि उनका केस निपटाने के लिए ₹50000 की मांग की जा रही है। क्या वाकई में यह शिकायत सच है या फिर कोई साजिश? पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस इसे साइबर ठगी के एंगल के अलावा इस दृष्टिकोण से भी देख रही है कि कहीं रिश्वतखोरी में फंसे नायब तहसीलदार द्वारा केस को कमजोर करने के लिए कोई साजिश तो नहीं रची जा रही। A tehsildar, caught by the Lokayukta police, filed a police complaint, claiming a call recording showed a demand for ₹50,000.

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि देवास के नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी को 31 अक्टूबर को EOW की टीम ने 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी के खिलाफ EOW ने मामला दर्ज किया है और मामला जांच में है। 4 नवंबर को सुबह हर्षल बहरानी के मोबाइल पर कॉल आया उन्होंने कॉल नहीं उठाया तो लगातार उसी नंबर से वॉट्सएप पर मैसेज आने लगे। कॉलर आईडी पर नंबर के आगे ‘लोकायुक्त भोपाल’ लिखा हुआ था, जिसने बहरानी की चिंता और बढ़ा दी। जैसे ही उन्होंने रिटर्न कॉल किया तो सामने वाले ने फोन उठाते ही खुद को भोपाल लोकायुक्त का अधिकारी बताया और कहा कि आपके केस की फाइल हमारे पास आ गई है। केस खत्म करवाना चाहते हो तो 50 हजार रूपये देने होंगे।नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी के मुताबिक लोकायुक्त अधिकारी बनकर सामने वाले से उससे कहा कि उसकी पहचान ऊपर तक है और वो EOW का केस भी रफा दफा करवा सकता है। बहरानी समझ गए कि ये साइबर फ्रॉड का मामला है और उन्होंने पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। कॉल रिकॉर्डिंग में साइबर ठग बहरानी को ये विश्वास दिलाते सुनाई दे रहा है कि वो 50 हजार रूपये लेकर केस को यहीं पर खत्म करा देगा। आखिर में जब हर्षल बहरानी ने पैसे की व्यवस्था न हो पाने की बात कही तो खुद को लोकायुक्त अधिकारी बताने वाला शख्स भड़क गया और धमकी भरे लहजे में बात करने लगा। नायब तहसीलदार ने पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर देवास पुलिस अधीक्षक को सौंप दी। पुलिस साइबर सेल की मदद से मामले की जांच कर रही है।