रफीक खान
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिला अंतर्गत कटंगी में रिटायर्ड सिंचाई विभाग के कर्मचारी रमेश हाके और उनकी पत्नी पुष्पकला हाके के नृशन्स हत्याकांड का पर्दाफाश पुलिस ने कर दिया है। यह हत्या किसी बाहरी लुटेरे ने नहीं बल्कि उनके अपने नजदीकी रिश्तेदारों ने की। भतीजे और पोते ने कर्ज की रकम चुकाने के लिए ऐसा प्लान बनाया और दोनों को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं दोनों कहीं भागे भी नहीं और अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। पुलिस के हाथों बच नहीं पाए। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गायब किए गए नगद रुपयों और सोने चांदी के आभूषणों की भी बरामदगी हो रही है। Debt-ridden relatives planned the murder and even attended the funeral, eventually being caught.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि पुलिस ने दुलीचंद हाके (41) और सचिन हाके (27) को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 1.85 लाख नकद और ज्वेलरी बरामद की गई है। मुख्य साजिश सचिन ने रची थी। 7 अक्टूबर की सुबह कटंगी वार्ड नंबर 2 में रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मचारी रमेश हाके उनकी पत्नी पुष्पकला खून से लथपथ मिले थे। दूध वाला आया तो घटना का पता चला था। 5 अक्टूबर की रात सचिन ने रमेश को बाइक पंचर होने का बहाना बनाकर घर से बुलाया। उधर, सचिन और दुलीचंद पिछले दरवाजे से घर में घुस गए। पहले पुष्पकला की गर्दन पर वार किया। कुछ देर बाद जब रमेश घर लौटा, तो उस पर भी चाकू से हमला कर दिया। दोनों आरोपी सट्टा खेलते थे। पैसा हारते-हारते चार लाख का कर्ज हो गया। दंपती के पास नकदी और जेवर थे, इसलिए लालच में योजना बनाई। हत्या के लिए कोसुंबा मंडई से चाकू खरीदा। ऐसा बताया जा रहा है कि सचिन बचपन से रमेश के साथ रहता था। खेत और पोल्ट्री फार्म भी वही संभालता था। रमेश के दोनों बेटे नागपुर में नौकरी करते हैं। बड़े बेटे सुनील ने बताया कि घटना से एक रात पहले हमारी वीडियो कॉल पर बात हुई थी। सब कुछ बिल्कुल सामान्य था। सुनील के अनुसार घर से 9 लाख के जेवर,करीब सवा लाख रुपए नकद और कुछ विदेशी मुद्रा गायब है।
