रफीक खान
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रेल पटरी को पार करते समय आठ लोगों की मौत हो गई। यह सभी यात्री कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए गए थे। वहीं इसके पूर्व छत्तीसगढ़ में मेमू ट्रेन मालगाड़ी पर चढ़ गई और उसमें सवार 13 लोगों की मौत हो गई। जबकि करीब 100 लोग घायल हुए हैं। इन दोनों ही घटनाओं की जांच के आदेश रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुई घटना के पीछे ऑटो सिग्नल में आई खराबी को प्रथम दृष्टया कारण माना जा रहा है। Devotees who had gone for the Kartik Snan were hit by the Kalka-Howrah Express while crossing the tracks.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि बुधवार को सुबह करीब 9:30 बजे चोपन से एक पैसेंजर ट्रेन चुनार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर पहुंची। कार्तिक स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने के कारण कई लोग प्लेटफॉर्म की बजाय दूसरी ओर ट्रैक से उतरने लगे। इसी दौरान दूसरे ट्रैक से कालका एक्सप्रेस तेज रफ्तार में गुजरी। श्रद्धालु कुछ समझ पाते, इससे पहले ही ट्रेन कई लोगों को अपनी चपेट में लेती चली गई। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझने या संभलने का मौका नहीं मिला। यात्रियों के शव और अंग ट्रैक पर बिखरे पड़े थे।
मंगलवार को शाम 4 बजे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन (मेमू) व मालगाड़ी की भीषण टक्कर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है और 100 लोग घायल हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बुलेटिन के मुताबिक बिलासपुर स्टेशन के समीप दिनांक 04 नवम्बर, 2025 को हुई मालगाड़ी एवं मेमू लोकल के डिरेलमेंट की इस घटना में 11 यात्रियों की मृत्यु एवं 20 यात्री घायल हुए हैं। रेल प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिए गए थे तथा घायलों को नजदीकी अस्पतालों में समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आशंका है कि मेमू ट्रेन के चालक ने लाल सिग्नल नजरअंदाज कर दिया, जिससे हादसा हुआ। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद ही सही कारण का पता चल सकेगा। अधिकारियों ने बताया, टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू का कोच मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। देर रात तक दो लोग ट्रेन के क्षतिग्रस्त हुए कोच में फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही थी। कुछ घायलों की हालत गंभीर है, जिससे मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
