कलेक्टर की स्टाइल से मैदानी कर्मचारियों में हड़कंप, 8 पटवारी और 5 सचिव व सहायक सचिवों पर गिरी गाज - khabarupdateindia

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कलेक्टर की स्टाइल से मैदानी कर्मचारियों में हड़कंप, 8 पटवारी और 5 सचिव व सहायक सचिवों पर गिरी गाज


रफीक खान
कलेक्टर अपने अधीनस्थों पर नकेल कसने के लिए तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में कलेक्टर ने मैदानी कर्मचारियों की असलियत जानने के लिए वीडियो कॉल का उपयोग किया। उन्होंने पटवारी, सचिवों और उप सचिवों को वीडियो कॉल कर उनका लोकेशन पूछा, उसने ही 13 कर्मचारियों पर गाज गिर गई। कार्यालयीन समय में यह मैदानी कर्मचारी लापरवाह पाए गए। इन सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। कलेक्टर की इस शैली से मैदानी कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। The Collector's style has caused a stir among field staff, with eight Patwaris, five secretaries and assistant secretaries facing the wrath.

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मुरैना कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने मीटिंग हॉल में बैठकर पटवारी, सचिव व सहायक सचिवों को वीडियो कॉलिंग करके पूछा कहां हो, बैक ग्राउंड दिखाओ? मुरैना कलेक्टर ने पदभार संभालने के बाद निर्देश जारी किए थे कि पटवारी प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक पंचायत भवन में बैठकर जनसमस्याओं का निराकरण करें। इसी प्रकार पंचायत सचिव व सहायक सचिव सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक ग्रामीणों की समस्याएं सुनें और उनका समाधान सुनिश्चित करें। निर्देशों का पालन हो रहा है कि नहीं इसके लिए कलेक्टर ने प्रत्येक तहसील के तीन-तीन पटवारियों और जनपद के तीन-तीन पंचायत सचिवों को वीडियो कॉल किया। जांच में 8 पटवारी और 5 सचिव अनुपस्थित पाए गए। कलेक्टर ने बानमौर के पटवारी सुजान सिंह गुर्जर, पोरसा के सकल मनोरथ पाठक, मुरैना ग्रामीण के अजय गुर्जर, मुरैना शहर के शिवराज तोमर, अबाह के मयंक यादव, सबलगढ़ के सोनू जादौन, कैलारस के दुर्गेश शर्मा तथा जौरा के संजीव तिवारी से वीडियो कॉल पर उपस्थिति सत्यापित की। यह सभी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए थे। कलेक्टर ने ऐसा ही मूल्यांकन करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी निर्देशित किया है। कलेक्टर का कहना है कि यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।