15 दिन की समय सीमा के बाद बैंक खातों की कुर्की, मशीनरी की जप्ती और पट्टा निरस्तीकरण की प्रक्रिया होगी लागू - khabarupdateindia

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15 दिन की समय सीमा के बाद बैंक खातों की कुर्की, मशीनरी की जप्ती और पट्टा निरस्तीकरण की प्रक्रिया होगी लागू


रफीक खान
मध्य प्रदेश के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित भारतीय जनता पार्टी के विधायक तथा शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री रहे संजय पाठक पर उनकी ही सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों पर 443 करोड रुपए की वसूली का नोटिस सख़्ती से पालन किया जाएगा। विधानसभा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सदन को कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा के सवाल पर उक्त आशय से आश्वस्त किया है। यह भी स्पष्ट किया है कि 15 दिन के भीतर अगर वसूली नहीं होती है तो बैंक खातों की कुर्की, मशीनरी की जप्ती तथा मायनिंग लीज पट्टो का निरस्तीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री के स्पष्ट बयान से संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। After the 15-day deadline, the process of attachment of bank accounts, seizure of machinery and cancellation of lease will be implemented.

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि ये एक हजार करोड़ का खेल है। जबलपुर जिले में लंबे समय से रेत ठेकेदार कथित संरक्षण के कारण मनमानी कर रहे थे। उनके अनुमान के अनुसार वास्तविक राजस्व हानि 1000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। सरकार को पूरे जिले और अन्य जिलों में भी व्यापक ऑडिट कराना चाहिए। जबलपुर कलेक्टर द्वारा करवाई गई जांच में पाया गया कि रेत का उत्खनन स्वीकृत मात्रा से कई गुना अधिक हुआ। रेत परिवहन पर्चियों (टीपी) का मिलान करते समय भारी अंतर पाया गया। नज़दीकी घाटों से चोरी-छुपे रेत निकालकर दूसरे जिलों में भेजे जाने के संकेत भी मिले। कलेक्टर ने इन आदेशों में स्पष्ट लिखा है कि यह उत्खनन मात्रा से अधिक माइनिंग (Over Mining) है और नियम 194/2014 तथा कोर्ट आदेश दिनांक 02/08/2017 के अनुसार इसका आर्थिक दंड देय है। खनिज संसाधन विभाग ने स्वीकार किया है कि जबलपुर जिले की चार कंपनियों आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन ग्राम टिकरिया, नीलिमा मिनरल्स ग्राम दुबियारा, नीलिमा मिनरल्स ग्राम अगरिया, पैसिफिक एक्सपोर्ट ग्राम झिठी द्वारा निर्धारित स्वीकृति सीमा से अधिक रेत का उत्खनन किया गया। खनिज विभाग ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गठित दल एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर इन कंपनियों पर कुल ₹4,43,04,86,890 की वसूली निर्धारित की गई है।