नशे के कारोबार में लिप्त रिश्तेदार, पहले भी कफ सिरप और अन्य मामलों में हो चुके गिरफ्तार - khabarupdateindia

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नशे के कारोबार में लिप्त रिश्तेदार, पहले भी कफ सिरप और अन्य मामलों में हो चुके गिरफ्तार


रफीक खान
मध्य प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिमा बागड़ी के बहनोई के बाद अब मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने उनके सगे भाई को 46 किलो ग्राम गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। राज्य मंत्री के रिश्तेदार लगातार विवादों में रहे हैं। इसके पहले कोरेक्स कफ सिरप जैसे नशे के कारोबार में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। गिरफ्तारी तो एक कानूनी औपचारिक कार्रवाई है लेकिन यह कारोबार किस तरह से फल फूल रहा है और कौन इसे समाज के भीतर संचालित कर रहे हैं? समाज के भविष्य को जहर दे रहे हैं? यह सब काफी चिंता का विषय है। राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी को चाहिए कि वह अपनी सोच और मकसद से तुलना कर कार्रवाई करें ताकि यह सिलसिला पूरी तरह से रोका जा सके। Relatives involved in drug trafficking, previously arrested in cough syrup and other केसेस

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सतना जिले में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस ने उनके सगे भाई अनिल बागरी को 46 किलो गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। कार्रवाई रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र में टीआई संदीप चतुर्वेदी की टीम ने की है। यह वही इलाका है जहां बीते दिनों संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस लगातार निगरानी बढ़ा चुकी है लेकिन इस गिरफ्तारी को राजनीतिक हलचल का सबसे बड़ा कारण इसलिए माना जा रहा है क्योंकि दो दिन पहले यूपी के बांदा जिले में मंत्री प्रतिमा बागरी के बहनोई शैलेंद्र सिंह भी 10 किलो 400 ग्राम गांजा और हथियार के साथ पकड़े गए। अब भाई की गिरफ्तारी से मामला और गंभीर हो गया है। विपक्ष इसे सीधे प्रदेश सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति पर सवाल की तरह देख रहा है। प्रशासन फिलहाल दोनों मामलों को अलग-अलग बताते हुए उनकी जांच की बात कर रहा है। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने सार्वजनिक रूप से इस रिश्ते से खुद को अलग बताते हुए कहा था कि अवैध कारोबार से जुड़े लोगों से उनका कोई नाता नहीं है। राज्य मंत्री अपराधिक प्रकरण बनने के बाद कितने भी तरीके अपना लें और रिश्तो को अलग कर लें लेकिन इस सबसे सब कुछ साफ नहीं होने वाला है। यह वही बहन हुई और सगे भाई हैं जो उन्हें चुनाव में तथा मंत्रालय के संचालन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी व दखलअंदाजी करते चले आ रहे हैं।