घूसखोरों के हौसले बुलंद: सहायक समिति प्रबंधक ने मांगे ₹2 लाख, कृषि अधिकारी बेच रहा लाइसेंस - khabarupdateindia

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घूसखोरों के हौसले बुलंद: सहायक समिति प्रबंधक ने मांगे ₹2 लाख, कृषि अधिकारी बेच रहा लाइसेंस


रफीक खान
मध्य प्रदेश में घूसखोरों के हौसले बुलंद है। कोई चौराहे पर सरेआम रिश्वत ले रहा है तो कोई चंद हजार रूपों की तनख्वाह पाने वाला कर्मचारी लाखों रुपए की रिश्वत मांग रहा है। जिम्मेदार अधिकारी व्यवस्था की निगरानी करने के बजाय लाइसेंस बेचने में लगे हुए हैं। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने सागर तथा तथा रतलाम में कार्रवाई करते हुए इन रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया है। The bribe takers are emboldened: Assistant committee manager demanded ₹2 lakh, agriculture officer is selling licenses

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सागर जिले के पड़रई बुजुर्ग गांव के सरपंच दिनेश सिंह की शिकायत पर सागर लोकायुक्त की टीम ने ये कार्रवाई की है। फरियादी सरपंच दिनेश सिंह ने बताया कि किसानों की करीब 371 क्विंटल मूंग की तुलाई हो चुकी थी जिलके बाद जब उस मूंग को शिविका वेयर हाउस भेजा गया तो संचालक दिव्यांश तिवारी ने खराब ग्रेडिंग बताकर मूंग रखने से मना कर दिया। इसके बाद किसानों ने सहायक प्रबंधक संतोष चौबे से संपर्क किया तो उसने मूंग की ग्रेडिंग रिपोर्ट सही करने और वेयर हाउस में रखवाने के एवज में 2 लाख रूपये रिश्वत की मांग की। संतोष चौबे ने जरूआ वेयर हाउस केसली में रिश्वत देने के लिए सरपंच दिनेश सिंह को बुलाया और रिश्वत के रूपये लेकर अपने साथी अजय सिंह घोषी को दे दिए तभी लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया। मामले में लोकायुक्त ने शिविका वेयर हाउस संचालक दिव्यांश तिवारी को भी आरोपी बनाया है। इसी तरह रतलाम जिले की सैलाना तहसील के सकरावदा गांव के रहने वाले विजय सिंह राठौर ने 26 अगस्त को उज्जैन लोकायुक्त कार्यालय में कृषि विस्तार अधिकारी मगन लाल मेड़ा के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आवेदक विजय सिंह ने बताया कि उसे गांव में कीटनाशक व खाद-बीज की दुकान खोलना है। जिसके लाइसेंस के लिए उसने एप्लाई किया था। लाइसेंस बनने का मैसेज उसे जुलाई महीने में मैसेज पर मिल गया था लेकिन जब वो लाइसेंस की कॉपी लेने के लिए कृषि विस्तार अधिकारी मगन लाल के पास गया तो उन्होंने तीनों लाइसेंस की कॉपी देने के एवज में 30 हजार रूपये रिश्वत की मांग की। आवेदक विजय सिंह के मुताबिक बातचीत में सौदा 25 हजार रूपये में तय हुआ और 21 अगस्त को वो कृषि विस्तार अधिकारी मगन लाल मेडा को 15 हजार रूपये की पहली किस्त दे चुका था। लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर गुरूवार 28 अगस्त को आवेदक विजय सिंह को रिश्वत के बाकी 10 हजार रूपये देने के लिए रिश्वतखोर कृषि विस्तार अधिकारी के पास भेजा। कृषि विस्तार अधिकारी मगन लाल ने रिश्वत देने के लिए उसे अपने दफ्तर में बुलाया और जैसे ही रिश्वत के रूपये लिए तो वहां मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया।