रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में बीती रात एक आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम के जांबाज साथी प्रधान आरक्षक को बोलेरो जीप ने टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया। मामला प्रथम दृश्ट्या सभी ने सड़क दुर्घटना माना है लेकिन पुलिस टीम की मौजूदगी में और टीम के सबसे जांबाज साथी की मौत और वह भी उस वक्त जब आरोपी को दबोचा जा रहा हो, कई तरह के सवाल खड़ी करती है। यह मामला सड़क दुर्घटना का है या फिर किसी और साजिश का? बहरहाल पुलिस भी सभी एंगल से पड़ताल करेगी। घटना के बाद बोलेरो जीप चालक वहां से भाग खड़े होने में भी कामयाब रहा। Death of Jabalpur police constable: Accident or conspiracy? Bolero driver fled
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि लार्डगंज थाना अंतर्गत यादव कॉलोनी चौकी में दर्ज अपहरण का एक आरोपी जबलपुर आ रहा था। सूचना मुखबिर से मिली थी। जिसके बाद एसपी के निर्देश पर एक टीम गठित की गई। टीआई ने एएसआई दानी सिंह, प्रधान आरक्षक अभिषेक शिंदे और आरक्षक आशुतोष भारती को अपराधी को पकड़ने के लिए बायपास पर तैनात किया। पुलिस टीम जब संजीवनी नगर थाना अंतर्गत हाईवे के किनारे खड़ी थी, उसी दौरान तेज रफ्तार एक जीप ने टक्कर मार दी, जिसमें एएसआई और एक आरक्षक घायल हो गया, जबकि प्रधान आरक्षक की मौत हो गई। ऐसा कहा जाता है कि पुलिस हवलदार अभिषेक शिंदे काफी सक्रिय पुलिस सिंह में शामिल होता था। अक्सर उसे महत्वपूर्ण टास्क को पूरा करने में लगाया जाता था। स्वाभाविक तौर पर ऐसे पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों की दुश्मनी किसी से भी और कभी भी सामान्य तौर पर हो जाती है। पुलिस ने बोलेरो जीप का पता लगाने के लिए किलोज सर्किट केमरे में दर्ज हुई फुटेज का सहारा लिया है।