रफीक खान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले में शनिवार को एक अद्भुत घटना सामने आई। रिश्वतखोर रोजगार सहायक ने शनिवार के दिन शनि मंदिर को ही रिश्वत लेने का ठिकाना चुना और लोकायुक्त पुलिस के हाथों दबोचा गया। कितना इत्तेफाक है कि दिन शनिवार, मंदिर भी शनि भगवान का, आरोपी का नाम भी भगवान और रिश्वत की राशि 11000 रुपए। जैसे किसी ने पूरी स्टोरी ही सजा कर प्रस्तुत कर दी हो।Lokayukta police team reached Shani temple on Saturday, DSP first made them count the notes and then caught them
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि आगर मालवा जिले की कंवराखेड़ी पंचायत का रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया को उज्जैन के शनि मंदिर में 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर रोजगार सहायक भगवान सिंह के खिलाफ सुसनेर तहसील के कंवराखेड़ी गांव के रहने वाले राजेश दांगी ने उज्जैन लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी। जिसमें उसने बताया था कि उसके भाई बालचंद दांगी के नाम से पीएम आवास स्वीकृत हुआ है और पहली किस्त 25000 रूपये प्राप्त होने के बाद अगली किस्त के 40 हजार रूपये जारी करने के लिए बदले में उससे रोजगार सहायक भगवान सिंह 15 हजार रूपये की रिश्वत मांगी है। फरियादी राजेश दांगी ने बताया कि उसने लोकायुक्त टीम के कहने पर शनिवार को रोजगार सहायक भगवान सिंह को फोन किया। तब भगवान सिंह ने कहा कि शनिचरी अमावस्या पर वो उज्जैन स्नान व शनि मंदिर में पूजन करने आया है जिस पर उसे मंदिर में ही ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया गया। बातचीत करने पर रोजगार सहायक ने रिश्वत देने के लिए फरियादी को शनि मंदिर में बुलाया और मंदिर में ही रिश्वत के 11 हजार रूपये लिए। जैसे ही रोजगार सहायक भगवान सिंह ने रिश्वत के रूपये लिए तो सादे कपड़ों में मौजूद लोकायुक्त डीएसपी ने उससे पूछा कि रूपये गिन लिए बराबर हैं न तो भगवान सिंह ने जवाब देते हुए कहां हां और इतना कहते ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों दबोच कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच की जा रही है।