रफीक खान
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के अभिषेक ज्योतिषि हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बृजेश गोयल की अदालत से जहां पांच लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। वही बचाव पक्ष की जोरदार दलीलों के चलते पांच आरोपियों को बेदाग बरी कर दिया गया। यह हत्याकांड मंडला सहित आसपास के कई जिलों में बहुचर्चित था। Mandla's famous Abhishek Jyotishi murder case: Five sentenced to life imprisonment, five accused acquitted
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मंडला के सनसनीखेज अभिषेक ज्योतिषी हत्याकांड एवं उसके भाई आनंद ज्योतिषी की हत्या के प्रयास की घटना वर्ष 2021 की मध्य रात्रि की है। जब आरोपीगणों के द्वारा घातक हथियारों से सुसज्जित होकर विधि विरुद्ध जमाव कारीत किया। जिसकी परिणीति अभिषेक ज्योतिषी की हत्या एवं आनंद ज्योतिषी की हत्या के प्रयास में हुई। इस घटना में 10 आरोपीयों को अभियोजित किया गया। जिसका विचारण मंडला में किया गया। विचारण के दौरान किसी भी अभियुक्त को जमानत का लाभ नहीं दिया गया। विचारण के दौरान अभियुक्त बंटी यादव, अमन कछवाहा, अमित तिवारी, आशुतोष कुशवाहा एवं सौरभ की ओर से अधिवक्ता अपूर्व त्रिवेदी ने जिरह के दौरान न्यायालय को बताया कि उपरोक्त आरोपी गणों को जानबूझकर प्रकरण में निर्दोष होते हुए भी अभियोजित किया गया। जबकि उनके नाम एफ आई आर और देहाती नालीस में नहीं थे और 12 दिन बाद उनके नाम शिकायतकर्ता के बयान के द्वारा जोड़े गए। प्रकरण में चक्षु दर्शी पूजा ज्योतिषी एवं आनंद ज्योतिषी की साक्ष्य को आरोपीकरणों के विरुद्ध विचारण न्यायालय द्वारा विरोधाभासी दरार करते हुए चक्षु दर्शी गवाहों के आचरण तथा विश्वसनीय के संबंध में प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनकी साक्ष्य को अस्वीकार किया। और माना कि इनकी साक्ष्य एवं कथन विश्वास को प्रेरित प्रेरित नहीं करते। विचारण न्यायालय ने माना कि घटना के 12 दिन बाद उक्त आरोपियों को मिथ्या अलिप्त किया गया एवं उनके संबंध में विवेचक नीलेश दोहरे द्वारा घटना के शामिल होने के संबंध में कोई प्रथक से विवेचना नहीं की गई। विचारण न्यायालय ने यह भी पाया की आरोपी का नाम बाद में जोड़े गए एवं इस संबंध में कोई पहचान परेड भी नहीं कराई गई।