रफीक खान
मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी बेलगाम है, रिश्वतखोर बेशर्म है। यहां तक कि वह अपने जूनियर को भी बख्शने तैयार नहीं है। लगातार लोकायुक्त पुलिस और आर्थिक अपराध अन्वेषण की टीमें ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को दबोच रही है। बुधवार को जबलपुर में एक पटवारी को ₹6000 की रिश्वत लेते हुए दबोचा गया, जबकि इंदौर में मॉडल स्कूल की प्रिंसिपल मैडम को मात्र ₹2000 की घूस लेते गिरफ्तार किया गया। प्रिंसिपल मैडम अपने ही जूनियर से ₹2000 ले रहीं थी। रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद उनकी नज़रें झुकी रह गई और जो तुर्रा - तेवर ट्रेप कार्रवाई के पहले थी, वह पूरी तरह ढीली पड़ गई। Unbridled bribery- shameless bribe takers, greedy officers are not sparing even their junior colleagues
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि आवेदक बिशाली पटेल तहसील मझौली जिला जबलपुर ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन पत्र दिया कि उसकी पैतृक जमीन के बंटवारे के संबंध में मझौली तहसीलदार द्वारा बंटवारे का आदेश किया जा चुका है लेकिन पटवारी प्रवीण पटेल द्वारा बंटवारे को कंप्यूटर एवं बही पर चढ़ने के एवज में ₹6000 रिश्वत की मांग कर रहा है । आरोपी को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित 2018 की धारा 7 ,13 (1) बी 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की गईं। इसी तरह सांवेर स्थित शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया के शिक्षक आशीष मारू ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। स्कूल की प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया उसकी सेवा स्थाई करने के लिए रिश्वत की मांग कर रही हैं। शिक्षक की शिकायत पर लोकायुक्त टीम ने इसका सत्यापन किया। इसके बाद ट्रैप दल ने आज कार्रवाई की है और प्रिंसिपल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।आवेदक की उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 के पद पर नियुक्ति दिनांक 13.10.2021 को शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर जिला इंदौर में हुई थी। आवेदक की परिवीक्षा अवधि दिनांक 13.10.2024 को पूर्ण हो चुकी थी, परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने से आवेदक की स्थाई नियुक्ति हेतु फाइल संकुल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इंदौर भेजनी है। आवेदक की शिक्षण संस्था द्वारा दिनांक 27.01.2025 को आवेदक की फाइल संकुल प्राचार्य मनीषा पहाड़िया के पास भेज दी गई थी। संकुल प्राचार्य मनीषा पहाड़िया ने शिकायतकर्ता और उसके साथी शिक्षक महेश गोयल की फाइल को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इंदौर अग्रेषित करने के एवज में 2,000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी।