रफीक खान
छत्तीसगढ़ में आईजी स्तर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने दुष्कर्म का आरोप लगाकर सभी को चौंका दिया है। महिला का आरोप है कि 7 साल तक लगातार आईपीएस अधिकारी उसके साथ शारीरिक और मानसिक रूप से साथ रहकर उत्पीड़ित करता रहा। आईपीएस अधिकारी सनसनीखेज आरोप के बाद बैक फुट पर आ गए हैं और उन्होंने भी अपने बचाव में डीजीपी को एक पत्र लिखकर महिला के संबंध में शिकायत की है। गृह विभाग द्वारा वर्ष 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर सरकार को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। A two-member inquiry committee will submit its report to the state government, investigating what happened during the seven-year forced relationship.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि पीड़िता के आरोप अनुसार जब आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी सरगुजा में आईजी थे, तभी उत्पीड़न की शुरुआत हुई और बिलासपुर आईजी बनने के बाद यह सिलसिला और बढ़ गया। महिला का कहना है कि अधिकारी अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में उसे बंगले पर बुलाते थे और आपत्तिजनक हरकतें करते थे। चंदखुरी पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में तबादला होने के बाद भी उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए परेशान करना जारी रखा। अधिकारी सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक कई बार वीडियो कॉल पर नजर रखने का दबाव डालते थे। शिकायत में लिखा है कि वह अब तक चुप रही क्योंकि उसके पति की नौकरी खतरे में पड़ सकती थी। आईपीएस अधिकारी अक्सर उसे धमकी देते थे कि ’अगर तुमने विरोध किया तो तुम्हारे पति को नक्सल क्षेत्र में तबादला कर दूंगा।’ आरोपित आईपीएस रतनलाल डांगी ने डीजीपी अरुणदेव गौतम को लिखित शिकायत देकर खुद पर लगे आरोपों को झूठा और साजिशन बताया है। उन्होंने कहा कि सब-इंस्पेक्टर की पत्नी पिछले कई वर्षों से उन्हें ब्लैकमेल कर रही है और उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना दे रही है। महिला ने उनके वाशरूम और निजी पलों के वीडियो बनाकर उन्हें धमकाना शुरू किया। महिला जहर की शीशी लेकर कार्यालय आई और मुझे अपनी पत्नी से संबंध न रखने की कसम खिलवाई। उसने कई शर्तें रखीं, पत्नी से बात नहीं करना, तस्वीर नहीं खिंचवाना, जन्मदिन या सालगिरह नहीं मनाना आदि। मैं रात में बालकनी में सोऊं और आठ घंटे तक लाइव लोकेशन और वीडियो कॉल चालू रखूं ताकि उसे भरोसा रहे कि मेरे साथ कोई नहीं है। स्नान, व्यायाम और वॉशरूम जाते समय भी वीडियो कॉल चालू रखने की शर्त लगाई गई थी। वर्ष 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा की समिति इन आरोपों पर जल्द ही अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी, तब आगे की कार्रवाई सुनिश्चित हो पाएगी।
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