खबरदार! जो किसी ने नजर भी उठाई राजधानी भोपाल में "ईरानी डेरा अमन कॉलोनी" की तरफ, जमकर फल-फूल रहे नशे और आपराधिक कारोबार, राजधानी में बेखबर जिम्मेदार - khabarupdateindia

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खबरदार! जो किसी ने नजर भी उठाई राजधानी भोपाल में "ईरानी डेरा अमन कॉलोनी" की तरफ, जमकर फल-फूल रहे नशे और आपराधिक कारोबार, राजधानी में बेखबर जिम्मेदार



Rafique Khan
समूचे मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने वाले जिम्मेदार राजधानी भोपाल में ही बेखबर बने हुए हैं। भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र में निशातपुरा थाना अंतर्गत स्थित ईरानी डेरा अमन कॉलोनी में फल-फूल रहे नशे और आपराधिक कारोबारों को पूरी तरह खुली छूट दे रखी गई है। न जाने शासन या प्रशासन के किस रसूखदार का यहां संरक्षण है कि मजाल है कोई यहां पर चल रही आपराधिक और असामाजिक गतिविधियों की तरफ नज़र भी उठा ले। एक तरह से देखा जाए तो सारे सिस्टम के ऊपर ईरानी डेरा अमन कॉलोनी का वर्चस्व बना हुआ है। जिस बस्ती में देश भर के विभिन्न राज्यों में संगीन वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी रह रहे है, वहां पुलिस भी घुसने का साहस नहीं जुटा पाती है। या फिर यूं मान लिया जाए कि पुलिस उनके हर काम में बराबर की हिस्सेदारी है? बहरहाल राजधानी भोपाल में रहने वाला एक बड़ा संभ्रांत वर्ग इस बात को लेकर चिंतित है लेकिन ईरानी डेरे वालों की आतंकी गतिविधियों के चलते वह ना तो कभी शिकायत की हिम्मत कर पता है और ना ही कोई और कदम उठाने के बारे में सोचता है।

कहा जाता है कि जब भी ईरानी डेरे का नाम लिया जाता है तो रेलवे स्टेशन के पास बस्ती पर सबका ध्यान जाता है लेकिन उसके बाद यहां करौंद इलाके की ओर जाने वाले मार्ग पर अमन कॉलोनी के नाम से एक नई बसाहट कई वर्षों से तैयार हो चुकी है। यह बस्ती अपराधिक जगत की तिलिस्मी बसती है, जहां ऐसा जादू चलता है कि कानून व्यवस्था के परिंदे भी वहां पर मारने की नहीं सोच पाते हैं। चोरी और लूट की अनगिनत वारदातों को अंजाम देने वालों का ठिकाना भी यही बस्ती है। विभिन्न राज्यों में घटित कई आपराधिक घटनाओं के संबंध में नामजद आरोपियों के इश्तहार भी छप चुके हैं, इसके बावजूद यहां किसी भी आरोपी को पकड़ने कभी भी पुलिस घुसती नजर नहीं आई है। नतीजन अपराधियों की हौसले बुलंद है और वारदातों का सिलसिला अनवरत जारी है। जाहिर सी बात है जब किसी घटना को अंजाम देने वाला अपराधी पुलिस के द्वारा पकड़ा ही नहीं जाएगा तो वह लगातार अपने काम में लगा ही रहेगा।

शिकायतें तक लीक हो जाती हैं

जैसा की पूर्व में उल्लेखित किया जा चुका है कि राजधानी भोपाल का बहुत बड़ा संभ्रांत वर्ग उनकी सामाजिक अनैतिक गतिविधियों को लेकर प्रभावित व चिंतित है और वह चाह कर भी शिकायत नहीं करता है। पिछले दिनों की बात है कुछ लोगों ने किसी हिंदूवादी संगठन और शासन प्रशासन के विभागों तक शिकायत करने की कोशिश की। कार्रवाई की दिशा में शिकायत का वह कागज आगे बढ़ता, इसके पहले ही बात लीक हो गई और पुलिस का बड़ा अमला आसपास के लोगों के यहां आधी रात को मुरली नगर में दबिश देने जा पहुंचा। काफी बवाल हुआ, लोगों ने बताया कि जहां पुलिस आधी रात को घुसकर बेवजह का तमाशा कर रही है, वहां किसी का भी अपराध या अपराधियों से कोई भी लेना देना नहीं है। बामुश्किल क्षेत्रीय लोगों को पुलिस से निजात मिल पाई। यहां एक बात पूरी तरह से जिम्मेदारों को ध्यान रखना चाहिए कि जरूरी नहीं है कि किसी अनैतिक, असामाजिक या आपराधिक गतिविधियों के लिए कोई शिकायत करने आएगा, तभी कार्रवाई की जाएगी। संवैधानिक व्यवस्था के तहत पहरेदारों की खुद की भी जिम्मेदारी होती है कि वह नजर रखते हुए करवाई करें।

इन थाना क्षेत्र में लिस्टेड है अपराधी


ईरानी डेरा अमन कॉलोनी निवासी अपराधी राजधानी भोपाल के विभिन्न थानों के अलावा महाराष्ट्र के पुणे, भिवंडी, महाराष्ट्र सिटी, कोलकाता, बेंगलुरु, श्यामपुर कोलकाता आदि जगह के कई थानों में लिस्टेड है और लगातार फरार चल रहे हैं। राजस्थान के जयपुर पुलिस कमिश्नर द्वारा विपुल भाई भूरा भाई राजपूत की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि फर्जी पुलिसकर्मी बनकर हवाला राशि को उड़ा दिया गया। 20 लाख रुपए की राशि उड़ाने वाले मुलजिमों में भी ईरानी डेरा के अपराधी आरोपी बनाए गए हैं।इनमें कासिम जाफरी, कामरान खान, नदीम बेग, मजहर शेख को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन रहमत पुत्र सैफुल्लाह अमन कॉलोनी, चिन्ना खान, भाकर अली, गुलाम अमन कॉलोनी तथा मोहम्मद अली अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। अपराधियों की इस भीड़ में आबिद अली उर्फ राजू ईरानी, हबीब ईरानी, बाबू उर्फ मुस्लिम ईरानी, हसनी ईरानी, अब्बास ईरानी, रशीद ईरानी, कासिम ईरानी, रहमत ईरानी की गैंग समूचे सिस्टम के लिए एक तरह से चुनौती बनी हुई है। देश की राजधानी नई दिल्ली में बड़ा हिंदू राव पुलिस स्टेशन, मधु विहार पुलिस स्टेशन, गीता कॉलोनी पुलिस स्टेशन, मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन, करोल बाग पुलिस स्टेशन तथा मुंबई के पार्क साइट पुलिस थाने में भी कई मामले दर्ज हैं।

नई सरकार, नए मुख्यमंत्री से नजर दौड़ाने की दरकार


अनेक लोग जो किसी विवाद में आगे तो नहीं आ सकते लेकिन उनका मानना है कि प्रदेश की नई सरकार, नए मुख्यमंत्री मोहन यादव, गृह विभाग को देखने वाले नए अधिकारी, पुलिस के डीजीपी, राजधानी भोपाल के पुलिस आयुक्त इस अमन कालोनी नाम की बस्ती की ओर अपनी निगाहें जरूर दौड़ाएं। किसी को बेवजह फसाने या उलझाने की मंशा संभ्रांत लोगों की नहीं है। जांच पड़ताल कर ली जाए और अगर वाकई में यहां नशे के कारोबार गांजा, अफीम, चरस, स्मैक, कोरेक्स तथा लूटे गए मोबाइल, सोने व चांदी के आभूषण और नगदी रकम का लगातार बारा न्यारा हो रहा है तो फिर कठोर से कठोर कार्रवाई करते हुए इस पर अंकुश लगाया जाना बेहद जरूरी है। नशे के कारोबार से इस बस्ती का तो व्यापार चल रहा है लेकिन समूचे समाज में कितनी नस्ले बर्बाद हो जाएंगी ? या हो रही है? उस पर भी ध्यान देना आवश्यक है।